Satyanarayana fast date 2020 and Aarti

पुर्णिमा के दिन खास करके श्री सत्यनारायण जी की पूजा का विधान है, इस विशेष दिन आप पूर्णिमा के शुभ मुहुर्त में श्री सत्यनारायण भगवान जी की पूजा कर सकते हैं, यदि आप किसी नए घर में प्रवेश करते हैं या किसी नये व्यवसाय को प्रारंभ करते हैं या किसी विवाह इत्यादि कार्यक्रम का आयोजन करते हैं तो यह आपके लिए अति उत्तम होगा कि आप श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा का अनुष्ठान अवश्य करें और उनका आशीर्वाद सबसे पहले प्राप्त करें ताकि आपका प्रारंभ भला तो अंत भी भला होगा, यह प्रक्रिया हमारे पूर्वजों से चला आ रहा है:
सत्यनारायण व्रत तिथि 2020 व आरती
बहुत से लोग हर पूर्णिमा के दिन श्री सत्यनारायण भगवान जी के पूजा का आयोजन करते हैं ऐसा आप स्वयं भी कर सकते हैं इसमें यह कोई जरूरी नहीं कि पंडित के द्वारा ही यह पूजा होनी चाहिए यह अत्यंत सरल प्रक्रिया है इसमें शालिग्राम की एक छोटे सी पत्थर की पूजा होती है जो कि आपके पास होनी चाहिए और बात बाकी तो सारे विधि-विधान आपको हमारे लेख में मिल जाएंगे उसके अनुसार आप सत्यनारायण भगवान जी की पूजा स्वंय कर सकते हैं |
सत्यनारायण व्रत तिथि
10 जनवरी | शुक्रवार | पौष पूर्णिमा |
9 फरवरी | रविवार | माघ पूर्णिमा |
9 मार्च | सोमवार | फाल्गुन पूर्णिमा |
7 अप्रैल | मंगलवार | चैत्र पूर्णिमा |
7 मई | बुधवार | वैशाख पूर्णिमा |
5 जून | शुक्रवार | ज्येष्ठ पूर्णिमा |
4 जुलाई | शनिवार | आषाढ़ पूर्णिमा |
3 अगस्त | सोमवार | श्रावण पूर्णिमा |
1 सितंबर | मंगलवार | भाद्रपद पूर्णिमा |
1 अक्टूबर | बुधवार | आश्विन पूर्णिमा |
31 अक्टूबर | शनिवार | आश्विन पूर्णिमा |
29 नवंबर | रविवार | कार्तिक पूर्णिमा |
29 दिसंबर | मंगलवार | मार्गशीर्ष पूर्णिमा |
Satyanarayana Swamy ji ki Aarti
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा
सत्य नारायण स्वामी, जन पातक हरणा, ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
रतन जड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे
नारद करत निरंतर, घंटा ध्वनि बाजे, ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
प्रगट भए कलिकारण, द्विज को दरश दियो
बूढो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो, ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
दुर्बल भील कराल, जिन पर कृपा करी
चंद्रचूड़ एक राजा, जिनकी विपति हरी, ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दिन्ही
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्ही, ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
भाव भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धरयो
श्रद्धा धारण किन्ही तिनको काज सरयो, ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
ग्वाल-बाल संग राजा, वन में भक्ति करी
मन वांछित फल दीन्हो, दीन दयाल हरी, ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
चढ़त प्रसाद सवाया, कदली फल-मेवा
धूप दीप तुलसी से, राजी सत्य देवा, ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
श्री सत्यनारायण जी की आरती, जो कोई नर गावे
कहतशिवानंद स्वामी, मन वांछित फल पावे, ॐ जय लक्ष्मी रमणा…