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माता लक्ष्मी जी की पूजा करने से आपको मनचाहा सुख, वैभव और संपदा की प्राप्ति होगी, यह निश्चित है। साधारणतः यह आरती दिवाली में गाया जाता है, यदि आप किसी अन्य समय भी माता की पूजा करते है तो इसी आरती से पूजा का समापन करें| नीचे ऑडियो में, आप पूरा भजन सुनिए और यदि बृहस्पतिवार को आप इसे घर या ऑफिस में भी सुनते है तो आपकी भक्ति-भावना जागृत होगी| इस भजन को सुनने से सुख, समृद्धि और वैभव का वास होता है| साथ ही, घर की नेगेटिव उर्जा का नाश होता है और पॉजिटिव उर्जा का वास होता है| यह आरती सुनने से कानो को भी बहुत अच्छा लगता है:


माता लक्ष्मी जी धन और समृद्धि की देवी है| माता लक्ष्मी के बिना हम सबका जीवन अधूरा है क्योंकि जीवन की हर जरुरत की वस्तु, माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से प्राप्त होती है| आज इस संसार में धन के बिना कुछ भी संभव नहीं है| अतः हर कोई माता की सेवा अपने दिल जान से करना चाहता है और बड़ी सावधानी के साथ कि कहीं कोई त्रुटि ना रह जाए यदि आप माता की सेवा सच्चे दिल से करते हैं तो आप अपने कार्य में सफलता अवश्य प्राप्त करेंगे|
माता लक्ष्मी के लिए हर अमावास और पूर्णिमा के दिन दसपूर्ण मास यज्ञ होते है| पर फाल्गुन पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा को चतुर्मास यज्ञ किये जाते है| माता लक्ष्मी की कृपा से यश और पराक्रम में वृद्धि होती है|
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माता लक्ष्मी जी के पूजा में पान पत्ता जरुर रखें और प्रथम पत्ते पर सिन्धुर लगाकर माँ के प्रतिमा या घट के नीचे अवश्य रखें| साथ ही केला-पत्ता का भी भरपूर उपयोग माँ की पूजा में करें| बेल पत्र में चन्दन लगाकर माँ को चढ़ाये| आम पत्ता माँ के घट में डाले और घट के नीचे धान जरुर रक्खे| हरा ताज़ा दुर्बा घास में रक्त चन्दन लगाये और माँ को चढ़ाये, यह याद रखे की ये सारी चीज़े कही से कटी-फटी न हो, हो सके तो आप स्वयं इसे ख़रीदे और पूजा कम्पलीट होने के बाद, माँ लक्ष्मी के पास बैठ कर माँ को अपने दुःख सुनाये, माँ आप का दुःख दूर करेंगी |
माता की प्रिय आरती
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरी विष्णु विधाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
Om jay lakshmee Maata,
Maiya jay lakshmee Maata.
Tumako nishidin sevat, Haree Vishnu Vidhaata..
Om jay lakshmeeMaata
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।।
Uma, Rama, Brahmaanee, Tum hee jag Maata..
Soorya-Chandrama dhyaavat, Naarad rishi gaata..
Om jay Lakshmi Maata
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि सिद्धि धन पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।।
Durga Roop Niranjanee, Sukh Sampati Daata.
Jo koi tumako dhyaavat, Riddhi Siddhi Dhan paata..
Om Jay Lakshmi Maata
पढ़े और जाने चतुर्युग व्यवस्था (discover the mystry of Universe)
तुम पाताल-निवासिनी, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।।
Tum Paataal-Nivaasinee, Tum hee Shubhdaata.
Karm-prabhaav-prakaashinee, Bhavanidhi kee traata..
Om Jay Lakshmi Maata
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।।
Jis Ghar mein Tum Rahatee, Sab Sadgun Aata.
Sab Sambhav ho jaata, Mann Nahi Ghabaraata..
Om Jay Lakshmi Maata
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तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।।
Tum Bin yagya na hote, Vastra na koi paata.
Khaan-Paan ka Vaibhav, Sab tumse Aata..
Om Jay Lakshmi Maata
शुभ-गुण, मंदिर-सुंदर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न-चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।।
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे,
Shubh-Gun, Mandir-Sundar, Ksheerodadhi Jaata.
Ratn-Chaturdash Tum bin, Koi Nahi Paata..
Om Jay Lakshmi Maata
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।।
Maha Lakshmi jee kee Aaratee, Jo koi Nar Gaata.
Ur Anand Samaata, Paap utar jaata..
Om Jay Lakshmi Maata
यह बहुत ही पुरानी और प्रचलित आरती है| आप इस आरती से माता को खुश करने में सहायक होंगे| मै यह चाहता हूँ कि आप की पूजा बेहतरीन हो| मेरी मनोकामना अवश्य पूरी होगी|