
महा लक्ष्मी मंत्र
महालक्ष्मी मंत्र (Maha Lakshmi Mantra) – माता की सिद्धि का मन्त्र है माता लक्ष्मी धन, समृद्धि की देवी है, माता लक्ष्मी के बिना हम सबका जीवन अधूरा है क्योंकि जीवन की हर जरुरत की वस्तु माता के आशीर्वाद से प्राप्त होती है आज इस संसार में धन के बिना कुछ भी संभव नहीं है, अतः हर कोई माता की सेवा अपने दिल जान से करना चाहता है और बड़ी सावधानी के साथ कि कहीं कोई त्रुटि ना रह जाए यदि आप माता की सेवा सच्चे दिल से करते हैं तो आप अपने कार्य में सफलता अवश्य प्राप्त करेंगे |
नीचे हमने माता लक्ष्मी जी के पूजन के तरीकों को उल्लेख किया है और आप से यह प्रार्थना है कि देवी को जब भी चौकी पर बैठाए तो उनका मुंह पश्चिम की तरफ हो, जिस चौकी पर आप मां को बैठाएं उसे अच्छी तरह साफ करके उस पर लाल कपड़ा अवश्य चढा दे और बेहतर होगा कि दरवाजे पर आम का पत्ता जरूर लगाए और उसे 30 दिन तक रहने दे, ना खोलें, क्योंकि कहते हैं की देवता गण इसकी खुशबू के साथ साथ चले आते हैं और आपकी पूजा में सम्मलित होते हैं |
श्रद्धा बहुत बड़ी चीज़ है, श्रद्धा के द्वारा आप मां का प्यार जरूर पाएंगे, मुझे यह पूर्ण विश्वास है, नीचे लिखे मंत्रों का सही उच्चारण करते हुए यदि मां की पूजा नियमित की जाए तो माता का आशीर्वाद आपको अवश्य प्राप्त होगा | माता की आरती के लिए, थाल में कपूर, घी, बाती और करवा का प्रयोग करते हुए नीचे लिखे हुए आरती को पढ़े, आपका काम सिद्ध होगा, आप देखेंगे कि आपके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा, रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे और आप सब सपरिवार खुश रहेंगे |
महा लक्ष्मी मंत्र
माता लक्ष्मी जी के मंत्रों का जप करने के पहले माता लक्ष्मी जी को किसी पात्र में स्थापित करें इसके पश्चात आप निम्नलिखित मंत्र का जप करते हुए उन पर जल अर्पित करें:
मन्दाकिन्याः समानीतैर्हेमाम्भोरूहवासितैः| स्नानं कुरूष्व देवेशि सलिलैश्च सुगन्धिभिः|| ॐ महालक्ष्म्यै नमः स्नानं समर्पयामि|
महा लक्ष्मी मंत्र द्वारा माँ का आहावन करे
इसके पश्चात उन्हें घी से स्नान कराएं और नीचे लेख लिखे मंत्र का जाप करें
ॐ घृतं घृतपावानः पिबत वसां वसापावानः| पिबतान्तरिक्षस्य हविरसि स्वाहा || दिशः प्रदिश आदिशो विदिश उद्धिशो दिग्भ्यः स्वाहा | ॐ महालक्ष्म्यै नमः घृतस्नानं समर्पयामि||
एक बार फिर जल से स्नान कराते हुए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें
मन्दाकिन्याः समानीतैर्हेमाम्भोरूहवासितैः| स्नानं कुरूष्व देवेशि सलिलैश्च सुगन्धिभिः|| ॐ महालक्ष्म्यै नमः स्नानं समर्पयामि|
महा लक्ष्मी मंत्र
जल से स्नान कराने के पश्चात माता जी को सिंहासन पर बैठा कर नूतन वस्त्र पहनाए और निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें
दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं त्वतिमनोहरम्| दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके|| ॐ उपैतु मां देवसुखः कीर्तिश्च मणिना सह| प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मिन कीर्तिमृद्धि ददातु मे|
इसके पश्चात माता जी को पुष्प की माला अर्पित करें और फूल से उनका स्वागत करते हुए निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करें
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो| ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि| ॐ महालक्ष्म्यै नमः| पुष्पमालां समर्पयामि ||
महा लक्ष्मी मंत्र
इसके बाद माता लक्ष्मी जी को बेलपत्र समर्पित करते हुए निम्नलिखित मंत्रों का जप करें
क्षीरसागरसम्भते बिल्वपत्रम स्वीकुरू सर्वदा|| ॐ महालक्ष्म्यै नमः बिल्वपत्रम समर्पयामि |
अब माता लक्ष्मी जी को रक्त चंदन समर्पित करते हुए निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करें
रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम्| मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम्|| ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि |
महा लक्ष्मी मंत्र
इसके पश्चात माता लक्ष्मी जी को अक्षत समर्पित करते हुए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः| मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि || ॐ महलक्ष्म्यै नमः| अक्षतान समर्पयामि ||
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आभूषण समर्पण करें
रत्नकंकणवैदूर्यमुक्ताहाअरादिकानि च| सुप्रसन्नेन मनसा दत्तानि स्वीकुरूष्व भोः|| ॐक्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम्| अभूतिमसमृद्धि च सर्वां न|
महा लक्ष्मी मंत्र द्वारा माँ की पूजा करें
अब इस मंत्र के द्वारा महालक्ष्मी जी को आसन समर्पित करें
तप्तकाश्चनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम्| अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम् || ॐ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम्| श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ||
इस मंत्र के द्वारा आप महा लक्ष्मी जी का आवाहन करें
सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम| सर्वदेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम् || ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्| यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्||
देवी माता लक्ष्मी जी की रोज पूजा करने से आपको मनचाहा सुख, वैभव और संपदा की प्राप्ति होगी,यह निश्चित है, अतः इसे अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।